खतरे के निशान की तरफ बढ़ रही गंगा, यमुना भी करीब

सिंचाई विभाग की सोमवार शाम चार बजे की रिपोर्ट के अनुसार फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 84.01 मीटर पहुंच गया था। गंगा के जलस्तर में प्रतिघंटे दो सेमी की बढ़ोतरी भी दर्ज की गई। नैनी में यमुना का जलस्तर 83.81 मीटर पहुंच गया और इसमें प्रतिघंटे 1.50 सेमी की वृद्धि दर्ज की गई।
गंगा-यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान की तरफ बढ़ता दिख रहा है। गंगा का जलस्तर 84 मीटर के पार हो गया है तो यमुना का भी इसके करीब है। इसका नतीजा है कि एक दर्जन से अधिक बस्तियां बाढ़ की चपेट में आ गई हैं। मुश्किल यह कि दोनों नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है और टोंस अब भी उफान पर है। ऐसे में बाढ़ का दायरा बढ़ता दिख रहा है।
सिंचाई विभाग की सोमवार शाम चार बजे की रिपोर्ट के अनुसार फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 84.01 मीटर पहुंच गया था। गंगा के जलस्तर में प्रतिघंटे दो सेमी की बढ़ोतरी भी दर्ज की गई। नैनी में यमुना का जलस्तर 83.81 मीटर पहुंच गया और इसमें प्रतिघंटे 1.50 सेमी की वृद्धि दर्ज की गई। दोनों नदियों के खतरे का निशान 84.734 मीटर है।
दोनों नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी की रफ्तार कुछ कम जरूर हुई है लेकिन वृद्धि का सिलसिला अभी जारी रहेगा। अफसरों के अनुसार दोनों नदियों के जलस्तर में मंगलवार तक बढ़ोतरी जारी रहने के आसार हैं। इसके अलावा टोंस में ज्यादा पानी आ रहा है। इससे संगम के बाद पानी तेजी से निकल भी नहीं पा रहा है। इससे मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
खुल गए चार राहत शिविर, 1100 से अधिक लोग पहुंचे
जलस्तर बढ़ने के साथ बाढ़ का दायरा भी बढ़ता जा रहा है। बघाड़ा, सलोरी, बेली, राजापुर, नेवादा आदि मोहल्लों के कछारी इलाकों में ऊपर तक पानी आ गया है और एक दर्जन से अधिक बस्तियां प्रभावित हैं। गंगा के दोनों तरफ शहर की 13 बस्तियों के हजारों परिवारों को तीसरी बार घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इसका नतीजा रहा कि सोमवार को राजापुर स्थित ऋषिकुल विद्यालय भी बाढ़ राहत शिविर में तब्दील हो गया और शाम तक पौने तीन सौ लोग इसमें पहुंच भी गए। इस तरह अब चार शिविर चालू हो गए हैं और इनमें करीब 250 परिवारों के 1100 से अधिक लोग पहुंचे हैं। इन शिविरों में लोगों के पहुंचने का सिलसिला रात तक जारी रहा। जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसे देखते हुए दो अन्य शिविर तैयार भी कर दिए गए हैं। जरूरत पड़ने पर इन्हें भी चालू कर दिया जाएगा।
घंटों गुल रही बिजली, शिविर में परेशान रहे शरणार्थी
बाढ़ की वजह से बेघर हुए लोगों को उमस भरी गर्मी ने भी परेशान किया। मेहबूब अली इंटर कॉलेज बाढ़ रात शिविर में दोपहर में लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। यहां दो घंटे से अधिक समय तक बिजली गुल रही। ऐसे में पंखे नहीं चले। लोग हाथ वाले पंखे के सहारे रहे लेकिन चिपचिपाती गर्मी में इससे राहत नहीं मिली।
शिविर में लोगों को सुबह नाश्ते में चाय के अलावा हलवा और केला मिला। बच्चों को दूध और बिस्किट भी मिला। इसके अलावा दोपहर में खाना मिला लेकिन कई लोग इससे वंचित रह गए। म्योराबाद के कल्लू मिस्त्री, छोटकई वर्मा, अमित वर्मा को सुबह नाश्ता नहीं मिला। कल्लू का कहना था कि दोपहर में खाना भी पर्याप्त नहीं मिला। कल्लू, छोटकई का कहना था कि बाहर से कई लोग आ जा रहे हैं जिन्हें खाना दिया जा रहा है लेकिन उन्हें पर्याप्त भोजन नहीं दिया गया। इनका कहना था कि सुबह वे लोग काम से चले गए थे और लौटे तो नाश्ता बंट चुका था। मांगने पर बताया गया कि अब नहीं मिलेगा।
प्रभावित मोहल्ले एवं गांव
अफसरों के अनुसार सदर तहसील के अंतर्गत कछार मऊ, मऊ सरैया, बघाड़ा जहरूद्दीन, बघाड़ा बालन, मेहंदौरी कछार, शिवकुटी, नेवादा, बेली, सलोरी की बस्तियों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। फूलपुर में सोनौटी, बदरा धोकरी, लीलापुर, करछना में देहली, भगेसर गांव और मोहल्ले बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। इन मोहल्लों और गांवों में 32 नावें व एक मोटर बोट चलानी पड़ी है।