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अमेरिकी अदालत ने ट्रंप प्रशासन की एंटी -देई गाइडलाइन को किया रद्द

अमेरिका में एक संघीय जज ने ट्रंप प्रशासन के उन निर्देशों को रद्द कर दिया है, जिनका उद्देश्य स्कूलों और विश्वविद्यालयों में विविधता, समानता और समावेशन यानि डीईआई (डाइवर्सिटी, इक्वटी और इन्क्लूजन) कार्यक्रमों को समाप्त करना था। मैरीलैंड की यूएस डिस्ट्रिक्ट जज स्टेफनी गैलाघर ने अपने फैसले में कहा कि शिक्षा विभाग ने कानून का उल्लंघन किया, जब उसने चेतावनी दी कि जो संस्थान डीईआई पहल जारी रखेंगे, उनका संघीय फंड काट दिया जाएगा। यह गाइडलाइन अप्रैल से ही आंशिक रूप से निलंबित थी।

यह मामला अमेरिकी फेडरेशन ऑफ टीचर्स और अमेरिकन सोशियोलॉजिकल एसोसिएशन की ओर से दाखिल फरवरी महीने की याचिका पर आधारित था। इसमें सरकार के उन दो मेमो को चुनौती दी गई थी, जिनमें स्कूलों और विश्वविद्यालयों को आदेश दिया गया था कि किसी भी तरह के रेस-बेस्ड यानि जातीय आधार पर लिए जाने वाले निर्णय बंद किए जाएं, वरना उन्हें संघीय फंडिंग से वंचित किया जा सकता है। ट्रम्प प्रशासन ने इसे श्वेत और एशियाई-अमेरिकी छात्रों के खिलाफ भेदभाव समाप्त करने के नाम पर पेश किया था।

गैलाघर का स्पष्ट रुख
जज गैलाघर ने कहा कि शिक्षा विभाग के मेमो सिर्फ सूचना नहीं थे, बल्कि उन्होंने शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव की शुरुआत कर दी। इस वजह से लाखों शिक्षकों को डर था कि उनके वैध और लाभकारी भाषण या कार्यक्रम भी सजा का कारण बन सकते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह इन नीतियों की अच्छाई या बुराई पर कोई राय नहीं दे रहीं, बल्कि केवल कानूनी प्रक्रिया के उल्लंघन पर फैसला दे रही हैं।

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