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लद्दाख: हिंसक झड़प में अब तक 4 की मौत, 80 घायल, सोनम वांगचुक की युवाओं से अपील

केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर लेह में हिंसक विरोध प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो गई। युवा प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पों में 80 से अधिक लोग घायल हुए हैं। घायलों में 40 पुलिसकर्मी शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा एवं लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के दफ्तर और कई वाहनों में आग लगा दी। हालात बेकाबू होते देख सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले दागे, लाठीचार्ज किया व फायरिंग की। लेह में कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट सेवा रोक दी गई है। हिंसा के बाद चार दिवसीय वार्षिक लद्दाख महोत्सव रद्द कर दिया गया। लोगों के जमा होने पर पाबंदी लगा दी गई। जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने भूख हड़ताल तोड़ते हुए युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील की। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में छात्र शामिल थे। वांगचुक मांगों को लेकर 15 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे थे। लद्दाख एपेक्स बॉडी (एलएबी) की युवा शाखा के 15 कार्यकर्ता भी 10 सितंबर से 35 दिन की भूख हड़ताल पर थे। दो कार्यकर्ताओं की हालत बिगड़ने पर मंगलवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद एलएबी ने बुधवार को लेह बंद का एलान किया था।

बंद में बड़ी संख्या में युवा सड़कों पर उतर आए और मार्च निकाला। स्थिति तब बिगड़ी, जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस व सुरक्षाबलों पर पथराव कर दिया। भाजपा व हिल काउंसिल के मुख्यालय पर पथराव के साथ आगजनी की गई। पुलिस और सीआरपीएफ के वाहनों को आग के हवाले कर दिया। यह जेन-जी नहीं, युवाओं की क्रांति है। युवा पांच साल से बेरोजगार हैं। लद्दाख के लिए दुख का दिन है। हम शांति के रास्ते पर चल रहे थे। आज हम शांति के पैगाम को नाकाम होते हुए देख रहे हैं। हिंसा, गोलीबारी व आगजनी हो रही है। युवाओं से अपील करता हूं कि बेवकूफी बंद करें। इससे हमारे मकसद को नुकसान पहुंचता है। हम अनशन तोड़ रहे हैं, प्रदर्शन रोक रहे हैं। -सोनम वांगचुक….लद्दाख के उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता ने कहा, लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रदर्शन का अधिकार है, पर यह शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए। बीते दो दिन में लगातार लोगों को भड़काने की कोशिशें की गईं। यहां के प्रदर्शन की तुलना नेपाल व बांग्लादेश से की जा रही है। इससे साजिश की बू आती है। जब कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षाबल उतारे गए, तो सीआरपीएफ का वाहन जला दिया। इसके महानिदेशक के वाहन पर पथराव किया गया।

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